राग यमन
संक्षिप्त परिचय
थाट - कल्याण
जाति - सम्पूर्ण
वादी - गंधार
संवादी - निषाद
तीव्र स्वर - मध्यम बाक़ी सभी स्वर शुद्ध
समय - रात्रि का प्रथम प्रहर
प्रकृति - गंभीर
कई लोग इसे कल्याण व इमन भी कहते हैं।
आरोह - .नि रे ग म प ध नि सां
अवरोह - सां नि ध प म ग रे सा
पकड़ - .नि रे ग रे सा, प म ग रे सा
सुनें विदुषी प्रभा अत्रे जी के अलौकिक स्वर में विलम्बित ख्य़ाल मन तू गा रे हरि नाम , द्रुत में लागी लागी रे हरि संग प्रीत ये जन्म -जन्म की और अंत में तराना .
चित्र-कैमरे से